आईआईएफसीएल का चौथी तिमाही का मुनाफा 44 प्रतिशत बढ़कर 1,552 करोड़ रुपये

देश का निर्यात अप्रैल में मामूली बढ़कर 34.99 अरब डॉलर पर

आईआईएफसीएल का चौथी तिमाही का मुनाफा 44 प्रतिशत बढ़कर 1,552 करोड़ रुपये

कोल इंडिया, एनएमडीसी, ओएनजीसी विदेश में सक्रिय रूप से महत्वपूर्ण खनिज की खोज करेंगे: सरकार

नई दिल्ली
देश का वस्तुओं का निर्यात इस साल अप्रैल में मामूली बढ़कर 34.99 अरब डॉलर रहा है। एक साल पहले इसी महीने में यह 34.62 अरब डॉलर था।

 जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, आलोच्य महीने में आयात भी बढ़कर 54.09 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो अप्रैल, 2023 में 49.06 अरब डॉलर था। अप्रैल में व्यापार घाटा यानी आयात और निर्यात के बीच का अंतर 19.1 अरब डॉलर रहा।

वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने संवाददाताओं से कहा कि इन आंकड़ों से नये वित्त वर्ष की शुरुआत अच्छा होने का संकेत मिलता है और इसके आगे भी बने रहने की उम्मीद है। इस साल मार्च में निर्यात 41.68 अरब डॉलर रहा था, जो एक साल पहले इसी महीने में 41.96 अरब डॉलर था।


आईआईएफसीएल का चौथी तिमाही का मुनाफा 44 प्रतिशत बढ़कर 1,552 करोड़ रुपये

नई दिल्ली,
 इंडिया इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस कंपनी लिमिटेड (आईआईएफसीएल) का वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही में एकल शुद्ध लाभ 44 प्रतिशत बढ़कर 1,552 करोड़ रुपये रहा। सार्वजनिक क्षेत्र की बुनियादी ढांचा वित्त कंपनी का वित्त वर्ष 20222-23 की चौथी (जनवरी-मार्च) तिमाही में शुद्ध लाभ 1,076 करोड़ रुपये रहा था।

आईआईएफसीएल के प्रबंध निदेशक पी. आर. जयशंकर ने वार्षिक वित्तीय आंकड़ों की घोषणा करते हुए कहा कि कंपनी ने अभी तक का सबसे अधिक लाभ दर्ज किया। उन्होंने कहा, किसी वित्त वर्ष में पहली बार शुद्ध लाभ 2,000 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार करते हुए 2,029 करोड़ रुपये रहा। कंपनी का शुद्ध एनपीए भी 1.41 प्रतिशत से घटकर 0.46 प्रतिशत रह गया। उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष 2024-24 में शुद्ध एनपीए या तो शून्य या शून्य के आसपास होगा।


कोल इंडिया, एनएमडीसी, ओएनजीसी विदेश में सक्रिय रूप से महत्वपूर्ण खनिज की खोज करेंगे: सरकार

नई दिल्ल
सरकार ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां कोल इंडिया, एनएमडीसी और ओएनजीसी विदेश लिमिटेड (ओवीएल) विदेशों में महत्वपूर्ण खनिज की तलाश शुरू करेंगी।

ओएनजीसी विदेश लिमिटेड (ओवीएल) सार्वजनिक क्षेत्र की तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम की विदेशी निवेश शाखा है। इन सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) की विदेश में पहले से ही किसी न किसी तरह की मौजूदगी है।

खान सचिव वी. एल. कांथा राव ने अपतटीय खनन पर एक कार्यशाला के मौके पर पत्रकारों से कहा, ‘‘सचिवों के समूह (संसाधनों पर) ने निर्णय लिया है कि ये कंपनियां (कोल इंडिया, एनएमडीसी, ओएनजीसी विदेश लिमिटेड) आगे बढ़ें और विदेशों में महत्वपूर्ण खनिज पर भी ध्यान दें। यह एक आसान तरीका है। ये कंपनियां पहले से ही विदेशों में कारोबार कर रही हैं।’’ उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की कोल इंडिया चिली में कुछ लिथियम ब्लॉक पर सक्रिय रूप से काम कर रही है।

राव ने कहा, ‘‘कोल इंडिया सक्रिय हो रही है… एनएमडीसी पहले से ही ऑस्ट्रेलिया में सक्रिय है। उनके पास ऑस्ट्रेलिया में कुछ सोने की खदानें हैं और वे ऑस्ट्रेलिया में लिथियम खदानों पर भी गौर कर रहे हैं।’’

तांबा, लिथियम, निकल, कोबाल्ट और दुर्लभ तत्व जैसे महत्वपूर्ण खनिज आज पवन टरबाइन और बिजली नेटवर्क से लेकर इलेक्ट्रिक वाहनों तक… तेजी से बढ़ती स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों में से कई में आवश्यक घटक हैं। स्वच्छ ऊर्जा बदलाव में तेजी आने के साथ इन खनिजों की मांग भी तेजी से बढ़ रही है।

 

Source : Agency

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