नई दिल्ली
केंद्र सरकार ने सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे को एक महीने का सेवा विस्तार दिया है. उनके कार्यकाल की अवधि एक महीने के लिए बढ़ा दी है. वह 31 मई को रिटायर होने वाले थे. लेकिन इससे पहले ही उन्हें एक महीने का सेवा विस्तार मिल गया.
रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि 26 मई को कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे के सेवा विस्तार को एक महीने बढ़ाने को मंजूरी दी है. वह 31 मई 2024 को रिटायर होने वाले थे. लेकिन अब जनरल पांडे 30 जून, 2024 तक सेवा देंगे.
जनरल पांडे के सेवा विस्तार से करीब पांच दशक पहले 1970 के दशक में सेना प्रमुख को सेवा विस्तार दिया गया था. उस समय तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार ने थलसेना प्रमुख जनरल जी जी बेवूर को सेवा विस्तार दिया था.
जनरल बेवूर को दिये गए सेवा विस्तार के मद्देनजर तत्कालीन लेफ्टिनेंट जनरल प्रेम भगत थल सेना प्रमुख बने बिना ही रिटायर हो गए थे. जनरल बेवूर के बाद लेफ्टिनेंट जनरल प्रेम भगत को ही इस शीर्ष पद पर नियुक्त होना था.
बेवूर से पहले फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ को 1971 के युद्ध में भारत की जीत के बाद सेवा विस्तार दिया गया था. बता दें कि जनरल पांडे 30 अप्रैल, 2022 को अपनी नियुक्ति के बाद से सेना प्रमुख के पद पर हैं.
सेना प्रमुख के सेवा विस्तार पर उठे सवाल
केंद्र सरकार की ओर से सेना प्रमुख मनोज पांडे को एक महीने का सेवा विस्तार दिए जाने पर विवाद भी खड़ा हो गया है. एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि जनरल पांडे को सिर्फ एक महीने का सेवा विस्तार देने का मतलब है कि ये एक अस्थाई कदम है. इससे मौजूदा सरकार के कार्यकाल में गवर्नेंस की कमी को दर्शाता है. अगर ये अक्षमता नहीं है तो इसमें कोई साजिश भी हो सकती है.
कौन हैं लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे?
लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे को दिसंबर 1982 में कोर ऑफ इंजीनियर्स में कमीशन दिया गया था. वह स्टाफ कॉलेज, केम्बरली (यूके) से स्नातक हैं और उन्होंने आर्मी वॉर कॉलेज, महू और दिल्ली में नेशनल डिफेंस कॉलेज में हायर कमांड कोर्स में भी भाग लिया था. लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे ने अपनी 37 साल की सेवा में 'ऑपरेशन विजय' और 'ऑपरेशन पराक्रम' में सक्रिय भाग लिया है.
अपने 39 साल के सैन्य करियर में, लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे ने पश्चिमी थिएटर में एक इंजीनियर ब्रिगेड, एलओसी पर पैदल सेना ब्रिगेड, लद्दाख सेक्टर में एक पर्वतीय डिवीजन और उत्तर-पूर्व में एक कोर की कमान संभाली है. पूर्वी कमान का कार्यभार संभालने से पहले वह अंडमान और निकोबार कमान के कमांडर-इन-चीफ का कार्यभार संभाल चुके हैं.
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